हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, इमाम अली (अ.स.) के जन्म के शुभ अवसर पर मुख्तार हुसैनी की ओर से लखनऊ में एक पार्टी का आयोजन किया गया था।
बैठक की शुरुआत मग़रिबीन की नमाज़ के बाद क़ुरआने करीम की तिलावत से हुई। पाठ के बाद स्थानीय कवियों ने मोलाय कायनात की मद्ह मे अशआर पेश किए।
मौलाना सैयद रज़ा हुसैन रिज़वी ने अध्यक्षता और भाषण के कर्तव्यों का पालन किया। मौलाना ने अपने संबोधन में कहा कि इमाम अली (अ.स.) न्याय और निष्पक्षता के पैकर थे। अपने दुश्मनों के साथ वैसा ही व्यवहार करें जैसा आप अपने दोस्तों के साथ करते हैं। मौले कायनात ने हमेशा न्याय और निष्पक्षता से काम लिया। रिवायत से पता चलता है कि इंसाफ की सख्ती के चलते इमाम शहीद हुए थे।
इसी तरह मौलाना मजहर इमाम व मौलाना मुहम्मद अली ने भी सभा को संबोधित किया।
पार्टी के बाद नजरे मौला का आयोजन किया गया। नजरे मौला के बाद मौलाना ने सभी मोमिनों का शुक्रिया अदा किया।